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काका हाथरसी पुरस्‍कार एवं जयजयवंती सम्‍मान समारोह सफलतापूर्वक संपन्‍न [साहित्य समाचार] - अविनाश वाचस्पति

भारत की राजधानी नई दिल्‍ली में इंडिया हैबीटेट सेंटर का गुलमोहर सभागार। दिनांक 8 अक्‍टूबर 2008। समय सांय 7 बजे। हिन्‍दी की जय जय हो रही है। वरिष्‍ठ साहित्‍यकार श्री अजित कुमार शंकर चौधरी को जयजयवंती सम्‍मान से सम्‍मानित किया गया है और दिया गया है हिन्‍दी साफ्टवेयर सुविधा‍सज्जित लैपटाप। लैपटाप डायमंड पब्लिकेशंस के श्री नरेन्‍द्र वर्मा और हिन्‍दी साफ्टवेयर साल्‍यूशंस के सौजन्‍य से सुविधा साफ्टवेयर प्रदान किया गया है। विदेश राज्‍य मंत्री श्री आनंद शर्मा के करकमलों द्वारा श्री अजित कुमार को सम्‍मानित किया गया। श्री आनंद शर्मा ने अपने उद्बोधन में हिन्‍दी के विकास के लिए किए जा रहे इन कार्यों को उत्‍प्रेरक बतलाया।
इस अवसर पर स्‍टार कवि श्री अशोक चक्रधर ने एक मल्‍टीमीडिया प्रस्‍तुति की जिसका शीर्षक रहा 'हास्‍य की हार्ड ड्राइव काका हाथरसी'। अपनी संपूर्णता में इस प्रस्‍तुति ने उपस्थितों का मन मोह लिया। काका हाथरसी के बारे में विहंगम जानकारी मिली।

वरिष्‍ठ हास्‍य कवि श्री आशकरण अटल को इस अवसर पर काका हाथरसी पुरस्‍कार ट्रस्‍ट की ओर से श्री अशोक गर्ग और श्रीमती गीता गर्ग द्वारा हास्‍य रत्‍न की उपाधि (ताम्रपत्र) और एक लाख रुपये से नवाजा गया। श्री अटल की कई पुस्‍तकों का प्रकाशन हो चुका है तथा वे फिल्‍म भी बना चुके हैं। हाल ही में इनकी एक पुस्‍तक 'ढाई आखर हास्‍य' के शीर्षक से प्रकाशित हो रही है।
श्री आशकरण अटल ने इस अवसर 'वेजीटेरियन कविता इन अमेरिका' सुनाकर सभागार में मौजूद श्रोताओं को लोटपोट कर दिया। हास्‍यकवि सुरेन्‍द्र शर्मा भी हंसे बिना न रह सके। श्री अटल ने बतलाया कि उनका नाम सदैव गलत ही पुकारा जाता है, कहीं आशा किरण अटल तो कहीं कुछ और। उन्‍होंने यह भी बतलाया कि जोधपुर में जब में 7वीं कक्षा का विद्यार्थी था तब मैंने पहली बार काका हाथरसी को सुना था।

'ये हैं अशोक चक्रधर' नामक एक परिचय पुस्‍तक का प्रकाशन चित्रकला संगम और डायमंड पब्लिकेशंस ने किया है जिसका लोकार्पण इस अवसर पर श्री आनंद शर्मा ने किया। इसमें अशोक चक्रधर और उनकी गतिविधियों के संबंध में सचित्र जानकारी दी गई है।
इस अवसर पर श्री चंचल चौहान को भी सुविधासज्जित हिन्‍दी साफ्टवेयर की सीडी प्रदान की गई। समारोह का संचालन अशोक चक्रधर और राकेश पांडेय ने मिल जुल मन से किया। कवि पवन दीक्षित ने एक हास्‍य गजल सुनाई और दर्शकों की तालियां लूट लीं। इस समारोह में चार लाईनां फेम हास्‍यकवि सुरेन्‍द्र शर्मा भी हंसते हुए देखे गये। समारोह के बीच में हास्‍यकवि सुरेन्‍द्र शर्मा की चुटकियों ने एक निराला ही समां बाध दिया।
डॉ. शेरजंग , पद्माकर पांडेय, गंगाप्रसाद विमल, अरविंद कुमार, उदय प्रताप, दिनेश मिश्र, विजया सती, बागेश्री चक्रधर, ओम विकास, अरूण जैमिनी, अविनाश वाचस्‍पति, बृजनंदन तुषार, पुष्‍कर पुष्‍प, महेन्‍द्र अजनबी, आलोक श्रीवास्‍तव, प्रवीण शुक्‍ल,विमलेश सांदलान, राजीव तनेजा, स्‍नेहा चक्रधर, पायल शर्मा इत्‍यादि से सभागार खचाखच भरा हुआ था।
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15 टिप्पणियाँ

  1. सामयिक रिपोर्ट ... उस पर भी काका हाथरसी के नाम से जुडा हुआ कोई भी समाचार हिन्दी प्रेमियों के उत्साह का संचार करने में सक्षम है.

    धन्यवाद

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  2. हम ना जा सके पर आपसे आँखो देखा हाल पढ लिया है।

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  3. फोटो के लिए शुक्रिया।

    अपन ने तो हास्य रत्न की उपाधि से सम्मानित श्री आशकरण जी के कविता पाठ का विडियो भी अपलोड कर दिया है।...
    लिंक दे रहा हूँ...
    आप सभी आनन्द लीजिए

    http://in.youtube.com/watch?v=1UA__qJYIdM

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  4. अविनाश जी के माध्यम से साहित्य जगत की गतिविधियों की जानकारी प्राप्त होती रहती है, जयजयवंती समारोह की सचित्र प्रस्तुति अच्छी बन पडी है।

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  5. बहुत अच्छी रिपोर्ट।

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  6. जानकारी प्रदान करने का धन्यवाद।

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  7. बहुत खूब,अच्छी रिपोर्ट तैयार किया है अविनाश बाबू ने। धन्यवाद।-सुशील कुमार।

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  8. बहुत बढिया अविनाश जी संजीव चित्रण एकदम से।

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  9. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  10. धन्यवाद अविनाश जी , इस सजीव चित्रण ने मानस पटल पर समारोह की अविस्मरनीय छवि अंकित कर दी. हिन्दी प्रमियों के लिए मधुरस जैसा.

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  11. साहित्य शिल्पी का अंक देखा। आपलोगों की तपस्या रंग लायेगी| शम्भु चौधरी
    http://kathavyatha.blogspot.com/
    http://kavimanch.blogspot.com/

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  12. अविनाश जी !
    बढ़िया है ..... कम से कम इतनी दूर होकर साहित्यिक गुणी लोगों कि खबरें तो मिल जाती हैं........वरना प्रिंट मीडिया में अब यह सब कंहा?

    धन्यवाद!

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  13. बहुत बढ़िया
    ऐसा लगा जैसे हम वहीं थे
    वैसे अविनाश जी को ऐसे कार्यक्रमों की सूचना कुछेक जगह तो व्यक्तिगत भी देनी चाहिये
    फिलहाल जबरदस्त ठेठ हरियाणवी बधाई

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  14. बहुत ही अच्छी प्रस्तुति बधाई स्वीकारें

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