जगमग-जगमग करते दीपक
लगते कितने मनहर प्यारे,
मानों आज उतर आये हैं
अम्बर से धरती पर तारे !
दीपों का त्योहार मनुज के
अतंर-तम को दूर करेगा,
दीपों का त्योहार मनुज के
नयनों में फिर स्नेह भरेगा!
धन आपस में बाँट-बूट कर
एक नया नाता जोड़ेंगे,
और उमंगों की फुलझड़ियाँ
घर-घर में सुख से छोड़ेंगे !
दीपावलि का स्वागत करने
आओ हम भी दीप जलाएँ,
दीपावलि का स्वागत करने
आओ हम भी नाचे गाएँ !
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4 टिप्पणियाँ
Happy Diwali
जवाब देंहटाएं-Alok Kataria
दीपावली की शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंदीपावली की शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंशुभ दीपावली
जवाब देंहटाएंआपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.